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इच्छा, इच्छुक ऐसे जैसे युध और शस्त्र , इच्छुक हिट इच्छा होती है बहुत ज़रूरी पर | जब इच्छुक की गाडी में इच्छा का ईंधन न हो, गतिहीन चलने का केवल इच्छुक रहता घर ||
यह मन पाखी उड़ता जाए , भले थके हो पर, उड़ते-उड़ते तन का चाहे बन जाये पिंजर | न ही उसका ठौर ठिकाना , न इसकी मंज़िल, लम्बी दिव्य उड़ाने पे निकला , पर न कोई घर ||
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