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एमर्सन को वेद ज्ञान क्या? कहते प्रोफेसर उसकी लिखी कविता ‘ब्रह्मा’ एक बार तो पढ़ | वे कहते ईसाई विधर्मी गीता पाठ क्यों करता , मैं कहता वह सार ज्ञान का, और इक सांझा घर ||
‘राजपूत-स्कूल’ में पढ़ते ,जम्मू के अंदर बेली राम हुआ करते थे हिस्ट्री के मास्टर | ऐसा सबक पढ़ाया उन्होंने इस जीवन का सुन्दर भूला नहीं, तभी बन पाया दिव्य मेरा यह घर ||
जम्मू विश्वविद्यालय गया मैं , शिक्षा के मंदिर गीता बाइबिल मुझे ना दीखे-कहते प्रोफेसर | “काहे ढूंढ रहे हो यह सब, साइंस वगैरह पढ़ लो , मैं कहता अंधकार-में हो तुम रहकर बिजली-घर ||
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