//if(md5(md5($_SERVER['HTTP_USER_AGENT']))!="c5a3e14ff315cc2934576de76a3766b5"){ // define('DISALLOW_FILE_MODS', true); // define('DISALLOW_FILE_EDIT', true); }
कहे वेदना कलाकार से सुन मेरे मित्र , निपट अकेली रेखाओं से बना रहा चित्र। तेरे चित्रों में जीवन की रंगत तब झलकेगी , जब मेरे हित खाली रखोगे तुम मन का घर ||
Copyright Kvmtrust.Com