//if(md5(md5($_SERVER['HTTP_USER_AGENT']))!="c5a3e14ff315cc2934576de76a3766b5"){ // define('DISALLOW_FILE_MODS', true); // define('DISALLOW_FILE_EDIT', true); }
क्यों बुनते हो , सोचो लोगो, संकोची बुन्तर , कौन सा डर है तुम्हे सताता हुई है क्या गड़बड़ | मौत का इक दिन निश्चित है फिर क्यों मरते रोज़ , खौंफ निकालो मन से तो ही , निर्भय होगा घर ||
Copyright Kvmtrust.Com