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शालू बीटा गोपी बनती तू लेकर गागर, ‘गिद्दा’ गाती, एक्टिंग करती, और बनती एक्टर। मेहनत से पढ़- लिख कर तू भी सीख ले थोड़ी हिंदी , मानोगी जो ये सीख मेरी फिल्म बनाएंगे घर ||
रश्मि बेटे तू खाती है चीनी और शक्कर, सुन तू मेरी, तुझे बताऊँ जीवन का इक गुर | तेरी मीठी-नर्म तबीयत और तेरा यह हठ, इन्हीं में अनुरूप रचोगी मन-मर्ज़ी का घर ||
पूनम बेटी बात सुनो तुम तनिक कान धार कर, जान लो , कोई जान सका न किस्मत का चक्कर| जो होना है, हो जायेगा, जाने कौन क्या होगा, तेरे भाग में क्या बताऊँ लिखा है किसका घर ||
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