//if(md5(md5($_SERVER['HTTP_USER_AGENT']))!="c5a3e14ff315cc2934576de76a3766b5"){ // define('DISALLOW_FILE_MODS', true); // define('DISALLOW_FILE_EDIT', true); }
तेरी नज़र मेँ तेज़ और तीखे और पैनी नश्तर , चुभते है जब तो रहता है इनका मुझे न डर | कसक सुहानी और मद- महकी यह देते मुझको , तभी इन्हे मै बिना निकले लेकर आया घर||
Copyright Kvmtrust.Com