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होनी तो होकर रहती है काहे करे फिकर, तभी कहूँ मैं प्यार तू करले, करले प्यार तू कर | मिलन ख़ुशी लेकर आएगा, देगा दुःख वियोग, घर न अपना कहलाएगा, खाली सूना घर ||
घर का लोभ तो होता है हर लालच से ऊपर, घर की खातिर दुनिया लेती दुनिया से टक्कर | खून-कत्ल होते भाइयों में इसके ही ख़ातिर , हर कोई इसकी रक्षा करता , ऐसी चीज़ है घर ||
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