मैं बांधूंगा सेहरा जिसमें आशाओं की झालर, बाराती बारात में मेरी वायदों के लश्कर | प्रीत के मैं पंडित बुलवाऊँ, मंत्र प्रेम के सुनने, रक्त का मैं सुन्दर सजा दूँ तेरे माँग-घर ||
Copyright Kvmtrust.Com