एक पैंतरा सही पड़ा तो इतना गर्व न कर , जाने उल्टा पड़े दूसरा उसका ध्यान तू कर | ख़ुशी-गम में, नहीं मनाना अधिक ख़ुशी या गम , समता और संतुलन से बनता सहज सजीला घर ||
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