इन्सां बड़ा खिलाड़ी बनता खेल-खेल मगर , वाह-वाही की खातिर हर पल बनता है एक्टर। थपकी अच्छी होती केवल वही जो हो स्वाभाविक , वारना उसका घर बन जाता बिलकुल सिनेमाघर ||
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