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प्रीत का मै देवालय बना कर आया था भीतर , आशाओं का डीप जला तू प्रीत बना मंदिर| पर एक देवी प्रीत की मलिका बोली कर्कश बोल, न ये मंदिर तेरी खातिर न हे तेरा घर ||
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