करले खर्च कमाई साड़ी जीवन है नश्वर , मिटटी की काया मिलनी है मिटटी के अंदर | नहीं रहेंगे गीत गवैये ना दौलत ना आस , तुझको भी माटी होना है माटी होगा घर ||
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