जैसे झरने ढूंढे नदियां ,नदियां दूँढे सर, जैसे हवा आसमानों में खोजे निज दिलबर | कोई यहाँ नहीं एकाकी सभी हैं जोड़ीदार, प्रीत में फिर क्यों मिल न पाते तेरे मेरे घर ||
Copyright Kvmtrust.Com