एक रोज़ पूजा करने मैं पहुंचा राजा के मंदिर, पंडित की बेटी से मेरी ऐसी लड़ी नज़र | मैं ठाकुर का बेटा देखूं इस दुनिया की रीत , जातपात के झंझट से हैट ढूँढूं अपना घर |
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