मैं नौसिखिया, और कठिन है जीवन का सफर, मेरे बस में रूह क्या होगी, बस में नहीं है धड़ | मुझे ज़िंदगानी से ना नफरत ना प्यार, इसीलिए शायद है मेरा बिलकुल खाली घर ||
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