कहे वेदना कलाकार से सुन मेरे मित्र , निपट अकेली रेखाओं से बना रहा चित्र। तेरे चित्रों में जीवन की रंगत तब झलकेगी , जब मेरे हित खाली रखोगे तुम मन का घर ||
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