//if(md5(md5($_SERVER['HTTP_USER_AGENT']))!="c5a3e14ff315cc2934576de76a3766b5"){ // define('DISALLOW_FILE_MODS', true); // define('DISALLOW_FILE_EDIT', true); }
कुड़ी वह गांव बगूने की रूपवती चंचल, उसके रूप अनूप पे जाके अटकी मेरी नज़र | देख के उसको दिल खिल उठता रखूं उसको पास , जब तक जीवन तब तक होगी प्रीत हमारा घर
Copyright Kvmtrust.Com