समय बहुत ही ज़ोरावर है , किन्तु मौके पर, रेखा कोई अनजानी सी , खींचो सीने पर | यही समय तो रास रचाता, देता है सुर ताल , प्रेम प्रीत से गीत बने फिर , लाड-प्यार से घर ||
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